Karma Status In Hindi : अगर आप हर किसी के प्रति सकारात्मक सोच रखते हैं, तो वापिस आपको भी ऐसा ही मिलने वाला है।” तुम्हारे भीतर से जितनी घृणा निकलती है, उतनी ही वापिस आती है।
अगर आप किसी और के साथ गलत करने जा रहे हो तो अपनी बारी का इंतज़ार भी जरूर करना।
अयोग्य रूप से आप अपने पिता के पापों का प्रायश्चित करेंगे।
“ भाग्य से जीतनी ज्यादा उम्मीद करोगे,वो उतना ही ज्यादा निराश करेगा,और कर्म पे जितना जोर दोगे,वो हमेशा उम्मीद से भी ज्यादा मिलेगा….!!
कर्म करो फल की चिंता मत करो मगर कर्म वही करोजिसका संभावित फल तुम्हारी चिंता का कारण न बने
अगर आप किसी और के साथ गलत करने जा रहे हो,तो अपनी बारी का इंतज़ार भी जरूर करना।
कोई हमें नहीं बल्कि खुद को बचाता है। कोई भी इसे कर नहीं सकता और कोई भी इसे करने की कोशिश ना करे। हमें खुद ही रास्ता चलना चाहिए
मन को शांत करो, और आत्मा बोलेगी।कर्म जीवन का मुख्य विषय हैं,शब्दों का हेर फेर भले ही पकड़ नहीं आता हैं,पर सच में, हर कोई कर्म से पहचाना जाता हैं।
यदि आपका कर्म अच्छा है, तो आपका भाग्य भी आपके पक्ष में होगा।
कर्म चक्र कभी भी थमता नहीं है, जो कुछ बोएँगे, वही कटेगा।
हमारे लिए होने वाली हर चीज के लिए एक कारण है, और ज्यादातर हम उस कारण में नहीं हैं।
“ कोई भी व्यक्ति किसी कार्यको सर्वोत्तम ढंग से करनाचाहता है तो उसे अपनी सम्पूर्ण योग्यतापूरी सामर्थ्य उसमें लगा देनी चाहिए…!!
कर्म वो #आइना है जो हमारा असली चेहरा# हमें दिखा देता है।
जो कर्म विद्या, #श्रद्धा ओर योग से युक्त होकर# किया जाता है, वही प्रबलतर# होता है.
भगवान ने हाथ किसी को लकीरें दिखाने के लिए नहींबल्कि, अपनी मेहनत का जलवा दिखाने के लिए दिए हैं।
इंसानियत# दिल में होती है हैसियत में नही, ऊपरवाला कर्म# देखता है वसीयत नही।
आप परिणामों को नियंत्रित नहीं कर सकते, केवल अपने कार्यों को कर सकते हो।।
“ संघर्षों में जले बिनाकोई भी शख्सियत महान नहीं होतीकर्म करना एक तपस्या हैऔर तपस्या कभी भी आसान नहीं होती….!!!
बदला लेने के लिए मत सोचो। आराम से बैठो और प्रतीक्षा करो। जिन लोगों ने आपके साथ बुरा किया है, अंत में उनके साथ भी बुरा ही होगा।
“ लेने-देने ओर करने योग्यकार्य यदि तुरन्त नहींकर लिया जाता तो समयउसका रस पी जाता है…!!
कोई भी जो अच्छा काम करता है उसका कभीभी बुरा अंत नहीं होगा,यहाँ या आने वाले दुनिया में
कर्म और प्रेम में यह अंतर हैकर्म किया जाता है, और प्रेम अपने आप हो जाता है
जैसे जिसकी सोच, वैसे उसके कर्म,जैसे जिसके कर्म वैसे उसके फल
आज आप प्रकृति का विनाश करेगें , कल ये आपकी सभ्यता का विध्वंस कर देगी ।
जैसा जाएगा वैसा ही आएगा।दूसरों के साथ वैसा करें जैसाआप स्वयं प्राप्त करना चाहते हैं।
कर्मा एक बूमरैंग जैसा ही है वापस उस व्यक्ति के पास लौटता है जो इसे फेंकता है।
karma वो आइना है जो हमें हमारा असली चेहरा दिखा देता है।
किसी और के कर्म के साथ खुद को,शामिल करते समय आपको बहुत सावधान रहना होगा..!!
कर्म को अपने मन में बोलने दें और उसे वही करने दें जो आपका दिल चाहता है।
उच्च #कर्म महान मस्तिष्क# को सूचित करते हैं ।
कर्म अपने सबको याद होतें है, नहीं तो गंगा किनारे यूं ही भीड़ नही होती।
विकट परिस्तीथियाँ आपके कर्मा की परीक्षा लेती है, और जो इस दैरान कुकर्म के मार्ग को चुन लेता है वह इस परीक्षा में अनुत्तीर्ण हो जाता है।
कुछ नहीं पा सकते तुम शर्म कर, पर सब कुछ पा सकते हो तुम कर्म कर।
इसे समर्पण कर्तव्य हमारा है… ये हमारी परीक्षा जीवन की… यदि अटल रहा!हे कर्मयोगी… निश्चित ही तेरी विजय होगी…📯
किसी दिन लोग मुझसे पूछेंगे कि मेरी सफलता की कुंजी क्या है, और मैं बस कहूंगा, “अच्छा कर्म”।।
हर किसी के साथ अच्छा व्यवहार करें और हर अच्छी चीजों की उम्मीद करें।
दुनिया में प्रेम से बड़ा कोई धर्म नहीऔर दूसरों की भलाई से बड़ाकोई कर्म नही।
“कर्म पथ पर चलते रहना ही तो जीवन हमारा है रुक जाएंगे जिस दिन हम समझो अंत हमारा है।”
काम करने से पहले सोचना बुद्धिमानी, काम करते हुए सोचना सतर्कता और काम करने के बाद सोचना मूर्खता है.
दूसरों के प्रति दयालु बनें भले ही वेआपके लिए न हों।
जब कर्म आपको चेहरे पर थप्पड़ मारने के लिए वापस आता है, तो मैं वहां जाना चाहता हूं। बस इसलिए कि उसे मदद की जरूरत हो।
” यदि कर्म को दूषित रखोगे तोहर किसी को सलाम करना पड़ेगा…!!
“ वक़्त वक़्त की बात है,कल तुम मेरे पास थे,आज कोई और तुम्हारे साथ है,फिर कोई और उसके साथ होगा,और फिर तुम्हारा भी हाल मेरे जैसा होगा…!!
क्या मिलना है ये कर्म की बात है,क्या लेना है ये धर्म की बात है।
भाग्य में और कुछ नहीं बल्कि हमारे पुराने किए कर्मों का लेखा जोखा है।
गर्व मत कर अपने धन पर, अगर कमाई तेरी कुकर्म की है।
इंसानियत दिल में होती है हैसियत में नहीं,ऊपरवाला कर्म देखता है वसीयत नहीं..!!
अच्छे कर्म कर के आपको ज्यादा कुछ मिले ना मिले, लेकिन रात की नींद सुकून भरी होगी II
“ अच्छी सोच रखोगे तो सब अच्छा होगा,अगर बुरी सोच रखोगे तो सब बुरा ही होगा,इसलिए सकारात्मक रहिए, यही कर्म है…!!
हर व्यक्ति को उसके कर्म करने की पूरी आज़ादी हैलेकिन कर्म के परिणामों में चुनाव, उसके हाथ में नही।
इंसान सब कुछ कापी कर सकता है लेकिन क़िस्मत और नसीब नही।
जो अपने प्यार में झूठ बोलते हैं, वे खुद को बहुत बड़ी कर्मभूमि में डाल देते हैं।
मन को शांत करो, और आत्मा बोलेगी।
कर्म, अगर सीधे शब्दों में कहें, एक क्रिया है : अच्छा या बुरा।।
जो बरसता है वो ही बिखरता है, जीवन के रिश्तों में कर्म ही सच्चा साथी होता है।
अगर किसी ने आपका नुक्सान किया है तो आप उसका नुक्सान नहीं कर सकते। क्योंकि आप भी वैसे ही भुगतोगे जैसे वो भुगतेंगे।
“ हिसाब रखो आपने अच्छेकर्मों के साथ किये हुये बुरेकर्मों का भी ईश्वर उसकेबदले भी तुम्हें कुछ देगा….!!!
दिल में नफरत हो तो बने रास्ते भी बिगड़ जाते हैं और अगर प्यार हो तो तो एक मुसाफिर सारी दुनिया जीत लेता है।
हमारे कर्म का हिसाब ना पूछो साहब, हमनें तो उन्हें भी गले लगाया, जिन्होंने हमारा बुरा चाहा।
आत्मा जिस कार्य को करने में सहमत न हो, उस कार्य को करने में शीघ्रता न करो.
“ सफलता हमारा परिचयदुनियां को करवाती हैऔर असफलता हमें दुनियांका परिचय करवाती है….!!
अपने कर्म अच्छे करो, वरना आपके कर्म कभी आपको मुक्ति नहीं देगा।
कोई मेरा #बुरा करे वह उसका# कर्म है । में किसी का बुरा न करुँ, वो मेरा #धर्म है
कर्म का सब खेल है यह लौट कर तो आएगा जो आज तुझे रुला रहा कल,कोई और उसे रुलाएगा
अच्छे लोगों की इज्जत कभी कम नहीं होती सोने के सौ टुकड़े करो , फिर भी कीमत कम नहीं होतीअपने से हो सके, वह काम दुसरे से नहीं करवाना चाहिए.
स्वयं के कर्मों की सचेतता और सचेत बनाने से हम अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं और अपनी सम्पूर्णता को पहचान सकते हैं।
ये जरूरी तो नहीं कि इंसान हर रोज मंदिर जाए,बल्कि कर्म ऐसे होने चाहिए की इंसान जहाँ भी जाए,मंदिर वहीं बन जाए..!!
कर्म अपना समय काटता है। आपको हमेशा बाहर देखना होगा।
रिश्तो का सौदा कर मत मुस्कुरा, रोयेगा तू भी जरा कर्मा तो आने दे !
कर्म वो आइना है जो हमाराअसली चेहरा हमें दिखा देता है।
जैसा काम करोगे वैसा ही फल मिलता है,इसलिए अपनी सोच को अच्छा रखें,किसी को भी अच्छा बोले,अच्छा काम करें और अच्छे लोगों के साथ रहे।
“कर्म के प्रति आपका पूर्ण समर्पण हीआपके मन के अनुसार फल दे सकता है I”
“ पुरुषों को उनके पापोंके लिए दंडित नहींकिया जाता है बल्किउनके पाप खुद करते है…!!!