Karma Status In Hindi : अगर आप हर किसी के प्रति सकारात्मक सोच रखते हैं, तो वापिस आपको भी ऐसा ही मिलने वाला है।” तुम्हारे भीतर से जितनी घृणा निकलती है, उतनी ही वापिस आती है।
सबको मिलता उतना जितना तकदीर दे, मगर आप कर्म के रास्ते अपनी तकदीर बदल सकते होI
“सफलता और शक्ति के इच्छुक व्यक्ति को निरंतर अच्छे कर्म करने चाहिए।।”
भाग्य के संयोग से कुछ नहीं होताआप अपने कर्मों से अपना भाग्य खुद बनाते हैं
काम करने से पहले सोचना #बुद्धिमानी, काम करते हुए सोचना सतर्कता# और काम करने के बाद सोचना #मूर्खता है
“ इस संसार में कोई मनुष्य स्वभावतकिसी के लिए उदार प्रिय या दुष्ट नहीं होताअपने कर्म ही मनुष्य को संसार में गौरवअथवा पतन की ओर ले जाते है….!!!
कर्म हमें वह देने में कभी असफल नहीं होते जिसके हम हकदार हैं।
सफलता चाहते हो तो ईमानदारी से मेहनत करना,सफलता जरूर मिलेगी,अगर किसी को कष्ट देकर सफलता पाने की कोशिश करोगे,तो सफलता कभी नहीं मिलेगी।
रिश्तों में कर्म बढ़ाता है, स्नेह कमजोर करता है।
काम करने से पहले सोचना #बुद्धिमानी, काम करते हुए सोचना सतर्कता# और काम करने के बाद सोचना #मूर्खता है.
इंसानियत दिल में होती है हैसियत में नही,ऊपरवाला कर्म देखता है वसीयत नही।
जो विद्याएं# कर्म का सम्पादन करती है, उन्ही का फल #दृष्टिगोचर होता है.
कर्म के नियम को विधि और प्रभाव का नियम भी कहा जाता है।।
माना कि कर्मों की चक्की धीरे चलती है,पर पीसती भी बहुत बारीक है..!!
क्या मिलना है ये कर्म की बात है,क्या लेना है ये धर्म की बात है।
अपना समय यह सोच कर बर्बाद ना करो,की दुसरो ने तुम्हारे साथ क्या किया,तुम्हारी जगह कर्मो को उनका जवाब देने दो।
कर्म तेरे अच्छे है तोह किस्मत तेरी दासी है,नियत तेरी अच्छी है तोह,घर में मथुरा काशी है।
इस विश्वास से जीने की कोशिश करो कि karma ही सब कुछ है। जो कर्म आप करोगे वही आपको भोगना भी पड़ेगा।
भाग्य हमारे कर्म पर निर्भर करता है। हर कोई अपने भाग्य के लिए जिम्मेदार है!।
व्यक्ति कितना खूबसूरत है यह उसका चेहरा नहीं,अपितु उसके कर्म बताते हैं।
“ भाग्य हमारे कर्म पर निर्भर करता हैहर कोई अपने भाग्य के लिए जिम्मेदार है…!!
कर्म के नियम को विधि और प्रभाव का नियम भी कहा जाता है।
इंसानियत दिल में होती है हैसियत में नही,ऊपरवाला कर्म देखता है वसीयत नही।
दूसरों को तकलीफ पहुंचाने के चक्कर में, खुद ही दर्द को पाते जाते हैं।
भोगना चाहते है तो अच्छे कर्म करिये, बुरे कर्मों की वजह से तो भुगतना पड़ता है I
यह आपका कर्म है। आप अभी नहीं समझे, लेकिन आप बाद में समझेंगे। दर्द का स्रोत आपके अपने बड़े अभिव्यक्ति के भीतर है।
भगवान ने हाथ किसी को लकीरें दिखाने के लिए नहीं बल्कि,अपनी मेहनत का जलवा दिखाने के लिए दिए हैं।
कर्म करो फल की चिंता मत करो, मगर कर्म वही करो जिसका संभावित फल तुम्हारी चिंता का कारण न बने I
क्या मिलना है ये कर्म की बात है, क्या लेना है ये धर्म की बात है।
जो कर्म समाज की भलाई के लिए किया जाए वह सुकर्म होता है एवं जो कर्म केवल अपनी भलाई और समाज की बुराई के लिए किया जाए वह कुकर्म होता है।
हर किसी को #कर्म भोगना पड़ता है अच्छा या बुरा #कर्म की पहचान समय ख़ुद देता है।।
कर्म से ही पहचान होती है इंसानों की दुनिया में,अच्छे कपड़े तो बेजुबान पुतलो को भी पहनाया जाता है..!!
कर्म करने पर ही तुम्हारा अधिकार है, फल में नहीं. तुम कर्मफल का कारण मत बनो और अपनी प्रवृति कर्म करने में रखो.
“बिना किसी लाभ की आशा के कर्म को निर्विकार भाव से करना चाहिए, क्योंकि शीघ्र ही फल अवश्य ही प्राप्त होता है।।
व्यक्ति की सफलता का कारण,उसका भाग्य नहीं अपितु उसके कर्म होते हैं..!!
पानी पृथ्वी का खून है, इसे यु ही न बहाए।
इंसानियत# दिल में होती है हैसियत में नही, ऊपरवाला कर्म# देखता है वसीयत नही।
अपने #कर्म से दोस्ती कर लीजिये, आप बहुत #फायदे में रहेंगे.
अतीत में ध्यान #केन्द्रित नहीं करना, ना ही भविष्य# के लिए सपना देखना, बल्कि अपने दिमाग को वर्तमान क्षण में #केंद्रित करना।
कर्म आपको याद दिलाता है कि आप जो कुछ भी करना चाहते हैं, विशेष रूप से अगर वह दूसरों के लिए अच्छा और प्रसन्न नहीं है, तो आपको करना उचित नहीं है।
“ तुम जो भी कर्म प्रेम और सेवाकी भावना से करते हो,वह तुम्हें परमात्मा की ओर ले जाता है।जिस कर्म में घृणा छिपी होती है,वह परमात्मा से दूर ले जाता है…!!
जब हम अपनी कहानियां सुनाते हैं, तो देवता हमारे दुखों को सुनते हैं।।
तुम लाशें बिछाकर जन्नत कीसीढ़ियां बनाने में लगे हो और वहांकर्म तुम्हारा तुम्हारी चीता सजाए बैठा है !
लाई का एक छोटा सा कामहजारों प्रार्थनाओं से बढकर है।
शायद हमारे कर्म बुरे होंगे तभी तो ये सब सहना पड रहा है चलो अब ये भी सही है, कर लेते है प्रायश्चित्त।
सफल होना चाहते हो तो फल की नहींअपने कर्म की चिंता करनी होगी।
भाग्य से जीतनी ज्यादा उम्मीद करोगे,वो उतना ही ज्यादा निराश करेगा,और कर्म पे जितना जोर दोगे,वो हमेशा उम्मीद से भी ज्यादा मिलेगा।
कर्म से ही हम अपने भविष्य की राह को प्रभावित कर सकते हैं, इसलिए सही कर्म करो और अच्छा बनो।
हमारे कर्म हमें उस दिशा में ले जाते हैं जिसमें हमारा मन है।
वो दिन भर अपने कर्म को मेहनत में बदलता रहा दो रोटी के लिए।
कर्मों का सिलसिला न कभी रुकता है और न कभी नींद में जा सकता है।
कर्म का फल जरूर मिलेगा, बस फर्क ये हैं की कुछ कर्म अच्छे फल देते हैं तो कुछ बुरे।
कर्म की शुरुआत करो, क्योंकि आगे बढ़ने का सच्चा रास्ता तुम्हारे कर्मों से ही मिलता है।
सच्चा सुख उस समय आता है जब हम अपने कर्मों में समर्पित होते हैं।
मैं तेरे कर्म में खुद को बंधा हुआ मानता हूँ, अब जो मैं तेरा हो चुका हूँ।
जितनी जल्दि हो सके सफ़ल होने के लिए मेहन्त को अपना कर्म समझ कर लग जाओ सफ़लता जरुर मिलेगी।
तुम सुंदर बहुत हो पर तन की नही तुम्हारे कर्म की सुंदरता से।
कर्म की गहराईयों में ही जीवन की सच्चाई छुपी होती है।
मैने ये प्रण लिया है के अब कर्म हि मेरी साधना होगी।
ईश्वर भी कर्म करने वालों का साथ देता है, न की भाग्य के भरोसे बैठने वालो का।
शब्दों से ज्यादा कर्मा को अहमियत देना खुद का आचरण दिखाते समय।
कर्म का बोझ हमेशा सत्य होता है, और इसका सामना करना हमारी आत्मा को और भी मजबूत बनाता है।
कर्म एक अद्वितीय बात है जो हमें सच्ची स्वतंत्रता का अहसास कराता है।
जैसा कर्म करोगे वैसा ही फल पाओगे, तो कर्म सोच समझ के किया करिए।
सकारात्मक कर्मों के माध्यम से ही हम अपने जीवन को सुंदर बना सकते हैं।
भाग्य के भरोसे रहोगे तो खुद भाग्य बन कर रह जाओगे, तो भाग्य को नहीं कर्मा को चुनिए।
जहां तक मेरा सवाल हैं, मैं तो कर्मा पे विश्वास रखता हूँ, कर्म अच्छा करूंगा तो अच्छा रहूंगा।
ये तुम्हारे मेहनत की कहानी है, ज़िंदगी भर तो रहेगी ही, ज़िंदगी के बाद भी रहेगी।
कर्म से ही जीवन का असली मूल्य पता चलता है, क्योंकि वह हमें हमारी साकारात्मकता का अहसास कराता है।
तुम कर्म बुरा करोगे तो फल भी बुरा ही पाओगे।
मैं फ़ल की चिंता किए बगैर कर्म में लीन रहने में विश्वास रखता हूँ।
क्या खूब है तुम्हारे मन की भाषा कर्म को ही पूजा समझता है।