418+ Barish Status In Hindi For Whatsapp | बारिश शायरी

Barish Status In Hindi For Whatsapp , बारिश शायरी
Author: Quotes And Status Post Published at: October 26, 2023 Post Updated at: July 28, 2024

Barish Status In Hindi For Whatsapp : कहीं फिसल ही न जाऊं तेरी याद में चलते-चलते रोक अपनी यादों को मेरे शहर में बारिश का समाँ हैं. ये बारिश ये हसीन मौसम और ये हवाये लगता है आज मोहब्बत ने किसी का साथ दिया है.

दर-ओ-दीवार पे शक्लें सी बनाने आई!!फिर ये बारिश मिरी तंहाई चुराने आई!!

एक ख्वाब ने आँखे खोली हैं, क्या मोड़ आया है, कहानी में वो भीग रही थी बारिश में और आग लगी है, पानी में।

गुंडे थे हम, हमारी जिस बंदूक से लोग डरते थे उसी से, पगली ने सीधा दिल पे Encounter कर दिया।

छुप जाएँ कहीं आ कि बहुत तेज़ है बारिशये मेरे तिरे जिस्म तो मिट्टी के बने हैं

हर बार ये बारिश उसके प्यार का पैगाम लाती है,मेरे बंजर दिल के सूखे घावों को हरा कर जाती है.

मुझे तुम्हारी याद आती है, लेकिन मुझे तुम्हारी तब बहुत ज्यादा याद आती है जब बारिश होती है। हैप्पी मानसून!

क्या तमाशा लगा रखा है, तूने ए-बारिश बरसना ही हे, तो जम के बरस वैसे भी इतनी रिमझिम तो मेरी आँखो से रोज हुआ करती है।

ये बारिश की बूंदे प्यार भरा संगीत है, हवा के साथ अठखेलियां करती हैं, खिड़कियां खोल कर इन्हें छूने का, इंतजार आज भी हथेलियां करती हैं।

तेरा साथ हे तो मुझे क्या कमी हे, तेरी हर मुस्कान से मिली मुझे ख़ुशी हे, मुस्कुराते रहना इसी तरह हमेशा, क्यों की तेरी इसी मुस्कान में मेरी जान बसी हे।

वो बारिश की ही तो पहली याद थी जो तुम्हारा कहा मुझे कुछ सुनाने आयी थी। wo barish ki hi to pehli yad thi jo tumhara kaha mujhe kuch sunane aayi thi.

जब बारिश होती है, तुम याद आते हो, जब काली घटा छाए, तुम याद आते हो, जब भीगते है तुम याद आते हो, बताओ मेरी छतरी कब वापिस करोगे !.

पहली बरसात की वो रात!!जब तुम थे मेरे साथ!!मैं था तेरे बाँहों में!!क्या मधहोस थी वो रात!!

बालकनी से बाहर आकर कर देखो ए-हसीना. मौसम तुम से मेरे दिल की बात कहने आया है..

शान्त बैठा था खुले आसमान के नीचे!!तभी बारिश होने लगी!!मैं समझ गया मेरे दर्द को सुनकर!!ये बादल भी रोने लगा!!Barish Status

जिसके आने से मेरे ज़ख्म भरा करते थे!!अब वो मौसम मेरे ज़ख्मो को हरा करते हैं!!

ऐ बारिश, तुझसे शुक्रिया इन कलियों ने कहा है,एक तुझसे मिलने के लिए सूरज की गर्मी को सहा है.

ग़म-ए-बारिशे इसीलिए नहीं कि तुम चले गए, बल्कि इसलिए कि हम ख़ुद को भूल गए।

एक रोने से तू मिल जाए तो खुदा की कसम इस धरती पे सावन की बरसात लगा दूं.

पहले बारिश होती थी तो याद आते थे!!अब जब याद आते हो बारिश होती है!!

बारिश की बूंदों को छातों से रोका न करो!!बेचारी बहुत दूर से तुमसे मिलने आती हैं!!

कितना कुछ धुल गया आज इस बारिश में, हाँ तुम्हारी यादों के पन्ने भी धुल गए इस बारिश में।

समझ में नहीं आया बारिश की वो बूँद खुश है या दुखी है,जो देखने में बड़ी खूबसूरत लगती है पर पत्तों पर रुकी है.

जरा सी भी अदब नहीं हैं!!इस बारिश में कि उस बेवफा की तरह!!ये भी मुझ पर बरस जाती हैं!!Barish Status

पहले रिम-झिम फिर बरसात!!और अचानक कडी धूप!!मोहब्बत ओर अगस्त की फितरत एक सी है!!

मौसम की पहली बारिश में तुम संग भीगना चाहती हूं, थाम के तेरा हाथ भीगी सड़क पे चलना चाहती हूं।

एक हम हैं जो इश्क़ कि बारिश करते है, एक वह हैं जो भीगने को तैयार ही नहीं. Ek hum hai jo ishq ki barish krte ha ek wah ha jo bhigne ko taiyar hi nahi.

आज दिन भर बारिश होने की संभावना है, कृपया अपने दिमाग वाली जगह को प्लास्टिक से ढक लो, क्योकि खाली जगहों में पानी जल्दी भरता है।

फ़ासले ख़्वाइशों से ज़िन्दगी ने इतने कर डाले हैं, बारिश की बूंदे औऱ हमनें खिड़की से हाथ निकाले हैं।

अभी तो खुश्क़ है मौसम,बारिश हो तो सोचेंगे!!हमें अपने अरमानों को,किस मिट्टी में बोना है!!

एक ख्वाब ने आँखे खोली हैं, क्या मोड़ आया है, कहानी में वो भीग रही थी बारिश में और आग लगी है, पानी में।

मिलने को तो मिलते है दुनिया में कई चेहरे पर तुम सी मोहब्बत हम खुद से भी न कर पाए।

बारिश में हम पानी बनकर बरस जायेंगे,पतझड़ में फूल बनके बिखर जायेंगे,क्या हुआ जो हम आपको तंग करते हैं,कभी आप इन लम्हों के लिए भी तरस जायेंगे.

बेसन की रोटी, निम्बू का अचार, दोस्तों की ख़ुशी, अपनों का प्यार, सावन की रैन, किसी का इंतज़ार, मुबारक हो आपको, बारिश की बहार, हैप्पी रैनी डे।

ये इश्क़ का मौसम अजीब है जनाब, इस बारिश में कई रिश्ते धुल जाते है, बेगानों से करते है मोहब्बत कुछ लोग, और अपनों के ही आंसू भूल जाते है।

माना है अपना इश्क रुठा अभी, अधूरी दास्तान भी मुकम्मल होगी कभी। एक रोज उस इश्क़ की बारिश हम पर भी होगी कभी।

“नकाब तो उनका सर से ले कर पांव तक था, मगर आँखे बता रही थी के मोहब्बत के शौकीन थे वो ।”

“भीगी मौसम की भीगी सी रात, भीगी सी याद, भुली हुई बात, भुला हुआ वक्त, वो भीगी सी आँखें, वो बीता हुआ साथ, मुबारक हो आप को साल की पहली बरसात ।”

ओह मेरे माही फिर तेरी याद आ गई, हलकी हलकी सी बरसात आ गई।

बारिशों में बेवजह भी भीग जाना चाहिए, मेरे अजीज़ यारो, हर मौसम का लुत्फ उठाना चाहिए।

तेरे करीब आने से मेरे दिल में प्यार की बारिश आ जाती है।

ये बारिश जरा थम के बरस,जब मेरा सनम आ जाए तो जम के बरस,पहले ना बरस कि वो आ न सके,जब वो आ जाए तो इतना बरस कि वो जा न सके.

जब बारिश होती है, तुम याद आते हो, जब काली घटा छाए, तुम याद आते हो, जब भीगते है तुम याद आते हो, बताओ मेरी छतरी कब वापिस करोगे।

“बारिश मेरे दिल में किसी की याद दिलाती है ।”

मजबूरियाँ ओढ़ के निकलता हूँ घर से आजकल!!वरना शौक तो आज भी है बारिशो में भीगने का!!

कहीं फिसल ना जाओ ज़रा संभल के रहना!!मौसम बारिश का भी है और मुहब्बत का भी!!

आपसे इतनी सी गुजारिश है!!आईये भीग ले की बारिश में!!हमने कब आपसे कहा मिलिए!!सिर्फ मौसम कि ये सिफारिश है!!

कहीं फिसल ना जाओ ज़रा संभल के रहना, मौसम बारिश का भी है, और मुहब्बत का भी।

वाह मौसम आज तेरी अदा पर दिल खुश हो गया, याद मुझको वो आई और बरस तू गया..

साथ बारिश में लिए फिरते हो उस को ‘अंजुम’तुम ने इस शहर में क्या आग लगानी है कोई– अंजुम सलीमी

रास्तों में सफर करने का मज़ा आ जाता है!!जब बारिश का सुहाना मौसम हो जाता है!!

इंतज़ार में है ये नदियाँ ये घटा ये धरा!!और मैं, अब बरस भी जा ए गगन!!

ख़ुद को इतना भी मत बचाया कर, बारिश हो तो भीग जाया कर।

पता नही ऐसा क्या हे इस बारिश, मे जितनी ज़्यादा बरस रही है, उतना ही तुम याद आ रहे हो।

फासले जिंदगी से ख्वाहिशों ने इतने कर डाले है!!बारिश की बूँदे और हमने खिड़की से हाथ निकाले है!!

कहीं फिसल ना जाओ ज़रा संभल के रहना, मौसम बारिश का भी है और मुहब्बत का भी।

एक ख्वाब ने आँखे खोली हैं, क्या मोड़ आया है कहानी में… वो भीग रही थी बारिश में और आग लगी है पानी में ।।

मजबूरियाँ ओढ़ के निकलता हूँ घर से आजकलवरना शौक तो आज भी हैं बारिशो में भीगने का.

आसमान में काली घटा छायी है, आज फिर गर्लफ्रेंड ने 2 बातें सुनाई है, दिल तो करता है सुधर जाऊं मगर, बाजूवाली आज फिर भीग के आई है, हैप्पी मानसून।

काश मेरी जिंदगी में कोई ऐसा आता!!मैं बारिश में भी रोता!!तो वो मेरे आंसू पढ़ जाता!!

बेईमान मौसम से पूछो कुछ हरकत कर रहा है!!बताता नहीं क्या!!ये मेरे हमसफर से डर रहा है!!

अर्ज़ किया है!!बारिश आती गड़गड़ाहट के साथ!!और गहरी कर देती अँधेरी रात!!पकड़ लो सब एक-दूजे का हाथ!!और करने लगो खट्टी-मीठी बात!!

मुझको फिर वही सुहाना नज़ारा मिल गया, नज़रों को जो दीदार तुम्हारा मिल गया, और किसी चीज़ की तमन्ना क्यूँ करू, जब मुझे तेरी बाहों में सहारा मिल गया।

अजब लुत्फ़ का मंज़र देखता रहता हूँ बारिश में!!बदन जलता है और मैं भीगता रहता हूँ बारिश में!!

मजबूरियॉ ओढ के निकलता हूं घर से आजकल, वरना शौक तो आज भी है बारिशों में भीगनें का।

इतना तो किसी ने चाहा भी न होगा, जितना मैंने सिर्फ सोचा है, तुम्हें।

हवा भी रूक जाती है कहने को कुछ तराने!!बारिश की बूंदे भी उसे छूने को करती है बहाने!!

जब भी होगी पहली बारिश तुमको सामने पायेंगे!!वो बूंदों से भरा चेहरा तुम्हारा हम देख तो पायेंगे!!

जरा सी भी अदब नहीं हैं!!इस बारिश में कि उस बेवफा की तरह!!ये भी मुझ पर बरस जाती हैं!!

वो बारिश की बूंदों को बाहें फैला कर समेट लेता है, वो जानता है कि हर बूंद उसकी ही तरह तन्हा है।

मजबूरियॉ ओढ़ के निकलता हूं घर से आजकल!!वरना शौक तो आज भी है बारिशों में भीगनें का!!

अकेला है आज बारिश का पानी!!कोन भीगे उसमे!!कागज की नाव चलाने वाले भी अब!!कश्तियों से नहीं जज्बातों से खेलते है!!

तेरे ख्यालों में चलते चलते!!कहीं फिसल न जाऊं मैं!!अपनी यादों को रोक ले!!शहर में बारिश का मौसम है!!

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