Barish Status In Hindi For Whatsapp : कहीं फिसल ही न जाऊं तेरी याद में चलते-चलते रोक अपनी यादों को मेरे शहर में बारिश का समाँ हैं. ये बारिश ये हसीन मौसम और ये हवाये लगता है आज मोहब्बत ने किसी का साथ दिया है.
भीगेँगे जो किसी रोज हम मोहब्बत की ‘बरसात’ में फिर ‘कमज़ोर’ से इस दिल को इश्क का ‘बुखार’ पक्का है।
मुझे बरसात का मौसम बहुत पसंद है। यह सबसे रोमांटिक मौसम है।
रोई है किसी छत पर अकेले ही ने घुटकर!!उतरी जो लबों पर नमकीन थी बारिश!!
अर्ज़ किया है!!चलो हो जाये फ़ना!!नज़ाकत-ए -मौसम पर!!क्यूंकि खुदा की इनायत!!बार-बार नहीं बरसा करती!!
तेरे प्रेम की बारिश हो, मैं जलमग्न हो जाऊं, तुम घटा बन चली आओ, मैं बादल बन जाऊं।
उस जहाँ में गुनाह की सजा कुछ और है,बिन मौसम के बारिश का मजा कुछ और है.
तुम आँखो की पलकों सी हो गई हो, के मिले बिना सुकून ही नही आता।
कहीं फिसल न जाऊं तेरे ख्यालों में चलते चलते अपनी यादों को रोको मेरे शहर में बारिश हो रही है!!
कच्चे मकान जितने थे बारिश में बह गएवर्ना जो मेरा दुख था वो दुख उम्र भर का था– अख़्तर होशियारपुरी
क्या मौसम आया है, हर तरफ पानी ही पानी लाया है, एक जादू सा छाया है, तुम घरसे बहार मत निकलना वरना लोग कहेंगे बरसात हुई नहीं, और मेंढक निकल आया है।
अब के सावन मे पानी बरसा बहुत, पानी की हर बूँद मे वह आये याद बहुत, इस सुहाने मौसम मे साथ नही था कोई, बादलों के साथ इन आँखों से पानी बहा बहुत।
बारिश का ये मौसम कुछ याद दिलाता हैं,किसी के साथ होने का एहसास दिलाता हैं,फ़िज़ा भी सर्द हैं यादें भी ताज़ा हैंये मौसम किसी का प्यार दिल में जगाता हैं.
न जाने क्यू अभी आपकी याद आ गयी, मौसम क्या बदला बरसात भी आ गयी, मैंने छुकर देखा बूंदों को तो, हर बूंद में आपकी तस्वीर नज़र आ गयी।
ये हुस्न ए मौसम, ये बारिश, ये हवाएं, लगता है, मोहब्बत ने आज किसी का साथ दिया है।
ज़रा ठहरो बारिश थम जाए तो फिर चले जाना!!किसी का तुझ को छू!!लेना मुझे अच्छा नहीं लगता!!
बारिश में भीग कर गर्म चाय और पकोड़ा खाने का स्वाद ही अलग आता है।
बारिश की बूंदों में झलकती है!!उसकी तस्वीर आज फिर भीग बैठे है!!उसे पाने की चाहत में!!
जब जब गरजते हे ये बादल मेरे दिल की धड़कन बढ़ जाती है| ओर मेरे दिल की हर एक धड़कन से आवाज़ आती है|.
बारिश में भीगने से मुझे सुकून मिलता है।
बूँदे बारिश की यूँ जमीन पर आने लगी,सोंदी से महक माटी की जगाने लगी,हवाओं में भी जैसे मस्ती छाने लगीवैसे ही हमें भी आपकी याद आने लगी.
मुझे तो हर बारिश हमारी पहली मुलाक़ात वाली बारिश की तरह लगती है।
अब जितना बरसना है, बरसले ए बारिश वो चला गया है, जिसके साथ मे तुम्हारे इस तोहफे को सीने से लगा लिया करता था।
आसमान रो रहा था मेरे साथ, और उसे बारिश में नहाने का शौक चढ़ा था।
एक अर्से बाद बारिश हुई मेरे शहर में, देखो ना, कुछ बूंदें अब तक पलकों से लिपटी हैं।
सावन एक महीने क़ैसर आँसू जीवन भर!!इन आँखों के आगे बादल बे-औक़ात लगे!!
बारिश के वक्त बालकनी में बैठकर चाय पीने का मजा ही अलग आता है।
कोई रंग नहीं होता बारिश के पानी में , फिर भी फ़िज़ा को रंगीन बना देती है, पानी की वो बेरंग बून्द..
हवा भी रूक जाती है कहने को कुछ तराने, बारिश की बूंदे भी उसे छूने को करती है बहाने।
जनवरी की सर्दी, हल्की-हल्की बारिस की बूदें!!तुम्हारा वो गले से लग जाना याद आता हैं!!
मैंने उस से पुछा क्या धुप मे बारिश होती है, ये सुन कर वो हँसने लगी, और हँसते हँसते रोने लगी, फिर धुप में बारिश होने लगी।
काश मेरी जिंदगी में कोई ऐसा आता, मैं बारिश में भी रोता तो वो मेरे आंसू पढ़ जाता।
दूर तक छाए थे बादल और कहीं साया न था!!इस तरह बरसात का मौसम कभी आया न था!!
एक हम हैं जो इश्क़ कि बारिश करते है, एक वह हैं जो भीगने को तैयार ही नहीं..
ऐ बारिश ज़रा थमके बरस, जब मेरे यार आ जाये तो जमके बरस, पहले न बरस की वह आ न सके, फिर ईतना बरस की वो जा न सके।
किया न करो मुझसे इश्क़ की बातें, बिन बारिश के ही भीग जाती हैं रातें।
“बारिश के हर कतरे से आवाज़ तुम्हारी आती है ।”
बारिश के दिनों में तुम मुझे बहुत याद आते हो।
आज फिर मौसम नम हुआ!!मेरी आँखों की तरह!!शायद बादलो का भी!!दिल किसी ने तोड़ा होगा!!
ये बादल ये बिजली सिर्फ आपके लिए है, ये मौसम ये हवा सिर्फ आपके लिए है, कितने दिन बीते आपको नहाये हुए, ये बेवक़्त बारिश सिर्फ आपके लिए है।
बारिश की बूँद बन, हम कुछ यूं बरस जाए तुझमें, तू समंदर बन समा ले हमें खुद में।
दूर तक छाए थे बादल और कहीं साया न थाइस तरह बरसात का मौसम कभी आया न था– क़तील शिफ़ाई
सुबह का मौसम बारिश का साथ है!!हवा ठंडी जिससे ताजगी का एहसास है!!बना के रखिए चाय और पकौड़े!!बस हम आपके घर के थोड़े से पास है!!
मौसम भी बदला और बरसात आ गयी!!हमें अचानक आपकी याद आ गयी!!छुआ जो बूंदो को!!हर बूंद मे आपकी तस्वीर ही नजर आ गयी!!
बेमौसम बारिश में बंजर दिल भी, प्रेम के नगमे गुनगुनाने लगता है. bemausam barish me banjar dil bhi prem ke nage gungunane lagta h.
कितना अधूरा लगता है, तब जब बादल हो पर बारिश ना हो, जब जिंदगी हो पर प्यार ना हो, जब आँखे हो पर ख्वाब ना हो, और जब कोई अपना हो पर साथ ना हो।
भीगी मौसम की भीगी सी रात, भीगी सी याद, भुली हुई बात, भुला हुआ वक्त, वो भीगी सी आँखें, वो बीता हुआ साथ, मुबारक हो आप को साल की पहली बरसात।
वो मेरे रु-बा-रु आया भी!!तो बरसात के मौसम में!!मेरे आँसू बह रहे थे!!और वो बरसात समझ बैठा!!
ये बारिश ये हसीन मौसम और ये हवाये लगता है आज मोहब्बत ने किसी का साथ दिया है.
बारिश सुहानी और मोहब्बत पुरानी, जब भी मिलती है नई सी लगती है।
हर दफ़ा ये बारिश उसका पैग़ाम लेकर आती है!!और मेरे बंजर से दिल को पूरा हरा भरा कर जाती है!!
बरसात के आते ही तौबा न रही बाक़ीबादल जो नज़र आए बदली मेरी नीयत भी– हसरत मोहानी
दुख के बाद सुख का मिलना वैसे ही है जैसे गर्मी के बाद बारिश के आने से राहत मिलना।
ये बारिश गवाह है मेरे हर उन आसूँओ की, जो सिर्फ तुम्हारे लिए बहे हैं।
भीगते हैं जिस तरह से तेरी यादों में डूब कर, इस बारिश में कहाँ वो कशिश तेरे खयालों जैसी।
कहीं फिसल न जाऊं तेरे ख्यालों में चलते चलते अपनी यादों को रोको मेरे शहर में बारिश हो रही है।
धूप सा रंग है और खुद है वो छाँवो जैसा!!उसकी पायल में बरसात का मौसम छनके!!
ये बारिश भी कितनी अजीब है, पूरे तन को तो भीगा देती है, मगर उसके सामने आँसू छुपाने में, मेरी मदद नहीं कर पाती है।
पूछते हो ना मुझसे तुम हमेशा की मे कितना प्यार करता हू? तुम्हे, तो गिन लो बरसती हुई इन बूँदो को तुम..
जब-जब घिरे बादल तेरी याद आई!!जब झूम के बरसा सावन तेरी याद आई!!
उनके मिलन से महक उठी थी फ़िज़ाएँ, सौंधी खुशबू ना बारिश की थी ना मिट्टी की।
पहले रिम-झिम फिर बरसात!!और अचानक कडी धूप!!मोहब्बत ओर अगस्त की फितरत एक सी है!!
ये बारिश अपने साथ साथ तुम्हारी यादो की बौछार लाई है, तनहाई के इस आलम में, खुशियां बेशुमार लाई है।
“एक हम हैं जो इश्क़ कि बारिश करते है, एक वह हैं जो भीगने को तैयार ही नहीं ।”
हर दफ़ा बारिश उसका पैग़ाम लेकर आती है, और मेरे बंजर से दिल को हरा भरा कर जाती है।
सुनो बेताब कर गयी हमें तेरी जादु भरी नजर, हम तो तेरे देखनें की अदा देखते रहे गये।
पूछते हो ना मुझसे तुम हमेशा की मे कितना प्यार करता हू तुम्हे, तो गिन लो बरसती हुई इन बूँदो को तुम.
मेरे शहर का मौसम कितना खुश गंवार हो गया,लगा जैसे आसमां को जमीन से प्यार हो गया.
मेरा शहर तो बारिशों का घर ठहरा!!यहां की आँखे हो या दिल बहुत बरसती हैं!!
सावन की पहली बारिश में तुम संग भीग जाएंगे, वो बूंदों से भरा चेहरा तुम्हारा हम देख तो पाएंगे।
ये हल्की-हल्की शर्द हवाएं, ये बारिश का मौसम, मैं तुममें पूरा रहता हूं, तुम मुझमें क्यों रहती हो कम।
एहसास का तूफान, किसी के प्रति प्रेम जगाता है, और फिर मोह का अतिरेक, उसमें बाढ़ ले ही आता है।
खयालों मे वही, सपनो मे वही, लेकीन उनकी यादों मे हम थे ही नही, हम जागते रहे दूनिया सोती रही, एक बारिश ही थी, जो हमारे साथ रोती रही।