Baddua Status For Whatsapp In Hindi : क्यों फिर उसके लिए ही बद्दुआ मांगी जाती है,जिसके लिए कभी हमने दुआएँ मांगी थी।। तुम लौट आने का तकल्लुफ मत करना,हम एक मोहब्बत को दो बार नहीं करते।
ऐसी बद्दुआ लगी उनकी,मोहब्बत भी ना मिल पायी मुझें..!!दर्द मिला जीवन भर का..!!मौत भी ना मिल पायी मुझें..!!
ख़ुशी मिली तो कई दर्द मुझसे रूठ गए दुआ करो के मैं फिर से उदास हो जाऊ
मे बद्दुआ तो नही दे रहा हुँ उसको,मगर दुआ बस यही है,कि उसे मुझ जैसा फिर कोई ना मिले.
दिल में मोहब्बत, और होठों पे मुस्कान रखते है,तुझे पाने की दुआ, हम दिन रात किया करते है,
भले ही तू जाते जाते मेरे दिल को इतने ज़ख़्म दे गयी,लेकिन फिर भी मेरे दिल के हर ज़ख़्म तुझे दुआ ही देंगे.
वादे से पहले ये दुआ माँग लीजिये,या रब उसे मेरी कसम का ऐतबार हो |
हज़ार इश्क़ करो लेकिन इतना ध्यान रहे,कि तुमको पहली मोहब्बत की बददुआ ना लगे |
उस शक़्स ने मुझको मुझसे,छीन कर अपना बनाया,फिर मुझे छोड़ कर उसने मुझे तड़पाया,मैं उसे बद्दुआ ना देता तो क्या करता |
दुआ कौन सी थी हमे याद नही बस इतना याद है,दो हथेलियाँ जुड़ी थी एक तेरी थी एक मेरी थी.
भूल न जाऊं माँगना उसे हर नमाज़ के बाद,यही सोच कर हमने नाम उसका दुआ रखा है।
मुझपर रहम कर मुझे बद्दुआ ना देमुझे ऐसे अकेले रहने की तू सजा ना दे |
में बिखर जाऊंगा आसुंओ की तरह इस कदर प्यार से बद्दुआ न दे
मैं उसकी ज़िंदगी से चला जाऊं यह उसकी दुआ थी और उसकी हर दुआ पूरी हो, यह मेरी दुआ थी
आसमान का चाँद तेरी बाहो में हो तू जो चाहे तेरी राहो में हो हर वो ख्वाब हो पूरा जो तेरी आँखों में हो
इश्क़ मेरा मुकम्मल ना हुआबद्दुआ जो मिली थी उनकी जिनका तेरी वजह सेदिल दुखाया हैं हमने💔💔
भूल न जाऊं माँगना उसे हर नमाज़ के बाद, यही सोच कर हमने नाम उसका दुआ रखा है।
वो नही सुनते हमारी क्या करे ,मांगते है दुआ हम जिनके लिये |
तेरी मोहब्बत की तलब थीइसलिए हाथ फैला दिए,वरना हमने तो अपनीज़िन्दगी की भी दुआ नहीं माँगी।
लाखो में इन्तिखाब के काबिल बना दिया,जिस दिल को तुमने देख लिया दिल बना दिया,पहले कहा थे नाज थे, ये इश्क-ओ-अदा,दिल को दुआओ डो तुम्हे कातिल बना दिया |
हो पूरी दिल कि हर ख्वाहिश आपके,और मिले खुशियों का जहा आपको,अगर आप मांगे आसमा का एक तारा,तो खुदा देदे सारा आसमा आपको |
दुआ तोह दिल से मांगी जाती है,ज़ुबां से नहीं क़बूल तोह उसकी भी होती है,जिस की ज़ुबान नहीं होती।
ये भी एक दुआ है खुदा से, किसीका दिल ना दुखे मेरी वजह से ,खुदा कर दे कुछ ऐसी इनायत मुझे परके खुशिया ही मिले सब को मेरी वजह से |
मेरे लहजे में मुहब्बत बशर करती थी कभीअब नाम भी ले कोई उसका तो बद्दुआ निकलती है
जान तक देने की बात होती है यहाँ,पर यकीन मानिये, दुआ तक दिल से नही देते है लोग.
दिल में घर करती है दुआ हर मुश्किल को हल करती है दुआ
मेरी तलब था एक शख़्सवो जो नहीं मिला तो फिर,हाथ दुआ से यूँ गिराभूल गया सवाल भी।
मेरा दिल भी कितना भोला है टूट कर रोते हुए भी,अपने सनम की जिंदगी की ख़ुशी की दुआ मांगता हैं.
माँगा करेंगे अब से दुआ हिज्र-ए-यार की, आखरी दुश्मनी है दुआ की असर के साथ।
उल्फत-ए-यार में खुदा से और माँगू क्या, ये दुआ है कि तू दुआओं का मोहताज न हो।
चाँद निकलेगा तो लोग दुआ मांगेंगेहम भी अपने मुकद्दर का लिखा मांगेंगेहम तलबगार नहीं दुनिया की दौलत केहम रब से सिर्फ आपकी वफ़ा मांगेंगे
हादसे रोज़ ही “क़तरा” कर “गुज़र” जाते हैं जाने वो “कौन” है जो मुझको “दुआ” देता है
सब कुछ मांग लिया तुझ को खुदा से मांग करउठते नहीं हैं हाथ मेरे इस दुआ के बाद
दुआ करो कि ये पौधा सदा हरा ही लगे,दासियों में भी चेहरा खिला खिला ही लगे.
वो आ गए मिलने हमसे एक शाम तन्हाई मिटाने,और हम समझ बैठे इसे अपनी दुआओं का असर।
दिल से भेजी है दुआ रब से जरुर तकराये गई,म्हणत कर रहा हूँ न जाने कब तकदीर बदल जाये गई।
दुआ की भगवान से वो हमारे दिल में आये,हम उनको सपनों में कब तक देखेंगे।
उसको रब से इतनी बार माँगा है के अब हम सिर्फ हाथ उठाते है सवाल फ़रिश्ते खुद लिख देते है
ये रब अपने पास मेरी दुआ अमानत रखना,रहती दुनिया तक उसको सलामत रखना,मेरी आँखों के सारे दीप बुझा देना परउसकी आँखों के सारे ख्वाब पुरे करना
जलील न किया करो किसी फ़क़ीर कोअपनी चौखट से साहब,वो सिर्फ भीख लेने नहीं ,दुआ देने भी आते हैं.
लौट आती है हर बार दुआ मेरी खाली,जाने कितनी ऊँचाई पर खुदा रहता है।
आसमान का चाँद तेरी बाहो में होतू जो चाहे तेरी राहो में होहर वो ख्वाब हो पूरा जो तेरी आँखों में हो |
जब भी देखता हूँ किसी के हँसते हुए चेहरेदुआ करता हूँ इनको कभी मोहब्बत ना हो
कल लगी थी शहर में बद्दुआओं की महफ़िलमेरी बारी आई तो मैंने कहाइसे भी इश्क़ हो,इसे भी इश्क़ हो,इसे भी इश्क़ हो;
सब कुछ खुदा से मांग लिया एक तुझ को मांग कर उठा नहीं हाथ मेरा इस दुआ के बाद
चाँद की चांदनी में एक पालकी बनाई है,और ये पालकी हमने बड़े प्यार से सजाई है,दुआ है एहवा तुझसे जरा धीरे चलना,मेरे यार को बड़ी प्यारी नींद आई है।
तेरे ग़मों को तेरी खुशी कर देहर सुबह तेरी दुनिया में रौशनी भर देजब भी टूटने लगे तेरी साँसेखुदा तुझमे शामिल मेरी ज़िन्दगी कर दे
हमने चाहा आपको अपने चाहे किसी और को,हमारी दुआ है की खुदा न करे तुम्हे चाहने वाला,कभी चाहे किसी और को।
ना जाने कौन मेरे हक़ में दुआ पढता है,डूबता भी हूँ तो समंदर उछाल देता है
सदा सलामत रहे वो शहर जिसमे तुम बसे होतुम्हारे खातिर हम सारे शहर को दुआ देते हैं
रब से आपकी खुशी मांगते हैं,दुआओं में आपकी हंसी मांगते हैं,सोचते हैं क्या मांगें आपसे,चलो उम्र भर की मोहब्बत मांगते हैं।
ऐ खुदा मेरे रिश्ते में कुछ ऐसी बात हो,मैं सोचूँ उसको और वो मेरे साथ हो,मेरी सारी ख़ुशियाँ मिल जाएं उसको,एक लम्हे के लिए भी अगर वो उदास हो।
तेरी मोहब्बत की तलब थी इसलिए हाथ फैला दिए वरना हमने तो अपनी जिंदगी की भी दुआ नहीं मांगी
मैंने वहाँ भी तुझे माँगा था,जहाँ लोग सिर्फ खुशियाँ माँगा करते हैं।
जिंदगी में न कोई राह आसान चाहिए ,न कोई अपनी खास पहचान चाहिए,बस एक ही दुआ मांगते हैं रोज भगवान से,आपके चेहरे पे प्यारी सी मुस्कान चाहिए।
दिल दे तो इस मिज़ाज का परवरदिगार दे,जो रंज की घड़ी भी खुशी से गुजार दे।
हमने ये तो नहीं कहा की,आपके लिए कोई दुआ ना मांगे,बस इतना कहते है की दुआ में,कोइ आपको ना मांगे।
तेरी मोहब्बत की तलब थीइसलिए हाथ फैला दिएवरना हमने तो अपनीजिंदगी की भी दुआ नहीं मांगी |
मोहब्बत के प्यासे थे तो हाथ फेला दिए,वरना हम तो वो खुदगर्ज है ,जो खुद किज़िन्दगी के लिये भी दुआ नही करते |
अरे जाओ! इश्क़ हज़ार मर्तबा करो, लेकिन इतना ध्यान रहे कि तुम्हें पहली मोहब्बत की बद्दुआ ना लगे।😌
इस दौर में दूर से ही दुआ सलाम का रिश्ता अच्छा है,करीब आने पर अक्सर दूर हो जाते हैं लोग.
मैंने हर दुआ में यही माँगा,उसकी हर दुआ कुबूल हो।
एक ही तो दुआ मांगी है, खुदा आप्से मेरे जान,की जान हमेहा सलामत रखना।
जो शख़्स मेरे वज़ूद तक को मुझसे छीनकर ले गया, मैं उसको बद्दुआएं ना देता तो और क्या करता!!!
सर झुकाने की खूबसूरती भी,क्या कमाल की होती है,धरती पर सर रखा और,दुआ आसमान में कुबूल हो जाती हे।
माँगा करेंगे अब से दुआ हिज्र-ए-यार की,आखिर को दुश्मनी है दुआ की असर के साथ।
मैं उसकी ज़िन्दगी से चला जाऊं ये उसकी दुआ थीऔर उसकी हर दुआ पूरी हो ये मेरी दुआ थी
यकीं और दुआ नज़र नहीं आती मगरनामुमकिन को मुमकिन बना देती
ताबींजो मे क्या पू़ंछू इलाज दर्द -ए -दिल का…मंर्जं जब ज़िंदगी खुद हो तो दुआ कैसी दवा कैसी.
हमारे सब्र का इम्तिहान न लीजिये, हमारे दिल को यूँ सजा न दीजिये, जो आपके बिना जी न सके एक पल, उन्हें और जीने की दुआ न दीजिये।
दुनिया के लिए कुछ भी सही तेरे लिए हम ऐ दोस्त सदा माँ की दुआ की तरह हैं
न जाने किसने पढ़ी है मेरे हक़ में दुआआज तबियत में जरा आराम सा है
हर सुबह तु मुस्कुराती रहे हर शाम तु गुनगुनाती रहेंमेरी दुआ हैं की तू जिसे भी मिलें हर मिलने वाले को तेरी याद सताती रहें