Alone Attitude Status In Hindi 2 Line : अकेले ही गुज़रती है ज़िन्दगी !लोग तसल्लियाँ तो देते है पर साथ नहीं. रात खामोश सी चुपचाप हैं,शौर तेरी यादों का बेहिसाब हैं.
खुद को पढ़ता हूँ फिर भी छोड़ देता हूँ एक पन्ना जिंदगी का में रोज मोड़ देता हूँ।
जिसकी मोहब्बत में मरने को भी राजी थे हम,आज उसकी बेवफाई ने हमें जीना सीखा दिया.
एक बात हमेशा याद रखनादुनिया में तुम्हे मेरे जैसे बहुत मिलेंगे,लेकिन उनमे तुम्हे हम नही मिलेंगे.
आँखें फूटें जो झपकती भी हों, शब-ए-तन्हाई में कैसा सोना।
हालात खराब हो तो अपने ही,गैरो के जैसा बर्ताव करने लगते है !
हम वहां काम आएंगे, जहां तुम्हारे अपने अकेला छोड़ जाएंगे।
कोई ठुकरा दे तो सह लेना,क्योंकि मोहब्बत की फितरत मेंजबरदस्ती नही होती है.
मैं जो हूँ मुझे रहने दे हवा के जैसे बहने दे, तन्हा सा मुसाफिर हूँ मुझे तन्हा ही तू रहने दे।
इस दुनिया की सच्चाई और राजजितना कम जानोउतना ज्यादा ही अच्छा है..
तेरी मोहब्बत ने किया था मुझे एकेला,मैंने अपनी ज़िन्दगी को किया अपनी मजबूरियों से हेला।
डर है की उसे खो ना दूसच ये है की कभी उसे पाया ही नहीं
मैं जो हूँ मुझे रहने दे हवा के जैसे बहने दे, तन्हा सा मुसाफिर हूँ मुझे तन्हा ही तू रहने दे।
तुम अब फिर लौटकर मत आना, अब तन्हाई से मोहब्बत हो चुकी है।
अकेला भी इस तरह पड़ गया हूं, कि मेरा हौसला भी साथ न दे रहा है।
जहां महफ़िल सजी हो वह मेला होता है, जिसका दिल टूटा हो, वो तन्हा,अकेला होता है।
शिकायत हैं उन्हें कि,हमें मोहब्बत करना नहीं आता,शिकवा तो इस दिल को भी है,पर इसे शिकायत करना नहीं आता.
हर किसी को एक बार तो प्यार करना ही चाहिए ताकि उसको पता चल सके कि प्यार क्यों नहीं करना चाहिए।
जब तन्हा होते हैं दिन रात की तरह,तब हर चीज़ दुख लगती है साथ की तरह।
किसी हालत में भी तन्हा नहीं होने देती,है यही एक खराबी मेरी तन्हाई की।
आप को पता है दर्द किसे कहतें है,दर्द वो होता है जिसमेजख्म बाहर से नही अंदर से लगा हो.
अकेला भी इस तरह पड़ गया हूं,कि मेरा हौसला भी साथ नहीं दे रहा है।
जाने किस का ज़िक्र है इस अफ़साने मेंदर्द मजा लेता है जो दोहराने में.
कोई हमसफ़र नहीं हमें समझता,जब तक ये अकेलापन हमें ज़िंदगी से अलग रखता।
रात खामोश सी चुपचाप हैं,शौर तेरी यादों का बेहिसाब हैं.
ये मुकरने का अंदाज़ मुझे भी सिखा दे कोई,वादे निभा-निभा के अब थक गया हूँ मैं..!!
जो लोग अकेले होते हैं,वे अक्सर अपनी भावनाओं केमाध्यम से दूसरों सेअधिक जुड़े होते हैं.
कट रही है ज़िंदगी रोते हुए,और वो भी तुम्हारे होते हुए.
खुद ही रोये और रो कर चुप हो गए,ये सोचकर कि आज कोई अपना होता तो रोने ना देता.
खुद से मिलने की भी फुरसत नहीं है अब मुझे,और वो औरो से मिलने का इलज़ाम लगा रहे है.
ये दिन भी क़यामत की तरह गुज़रा है !न जाने क्या बात थी हर बात पर रोना आया.
रूठूँगा तुझसे तो इस क़दर रूठूँगातेरी आँखे तरस जाएगी मेरी एक झलक को.
पहले वक्त बदला ,फिर लोग बदले ,फिर हम भी बदले …
यूँ तो सिखाने को जिंदगी बहुत कुछ सिखाती है, मगर,झूठी हंसी हसने का हुनर तो मोहब्बत ही सिखाती है.
बिखरा वज़ूद, टूटे ख़्वाब, सुलगती तन्हाईयाँ..कितने हसींन तोहफे दे जाती है ये अधूरी मोहब्बत.
जानता पहले से था मैं, लेकिन एहसास अब हो रहा है, अकेला तो बहुत समय से हूं मैं, पर महसूस अब हो रहा है।
बर्बादियों का हसीन एक मेला हूँ मैं, सबके रहते हुए भी बहुत अकेला हूँ मैं।
अच्छा नही लगता बार बारकिसी को अपनी याद दिलाना..अगर एहमियत होगी तो लोगखुद याद कर लेंगे…
होंठों से तो अलग होती है तेरी मुस्कुराहट,दिल की तन्हाई का कैसे बताऊं तुझको हालात।
अकेले ही सहना अकेले ही रहना होता है, अकेलेपन का हर एक आँसू, अकेले ही पीना होता है।
ना किसी के आगे हंसता हूँ, ना किसी के आगे रोता हूँ ना रातों को जागता हूँ, ना रातों को सोता हूँ।
कड़वा है लेकिन सच है….जब इंसान की ज़रूरत बदल जाती है,तो उसका बात करने का तरीक़ा भीबदल जाता है।…!
जानता पहले से था मैं, लेकिन एहसास अबहो रहा है, अकेला तो बहुत समय से हूं मैं,पर महसूस अब हो रहा है।
लोग तो सिर्फ नाम से याद रखते हैं,मैं तो उन यादों को तोड़ देता हूँ जो एकेलापन में जन्म लेते हैं।
बर्बादियों का हसीन एक मेला हूँ मैं, सबके रहते हुए भी बहुत अकेला हूँ मैं।
ख्वाहिशों की पोटली सिर लिए चल रहा हूँ, मैं अकेला ही अपनी मंज़िल की और चल रहा हूँ
किसी ने दिल जीत लिया, किसी ने दिल हारा था, जो अकेला रह गया, बस वो दिल हमारा था।
किसी का ये सोचकर साथ मत छोड़नाकी उसके पास कुछ नही तुम्हे देने के लिए.बस ये सोचकर साथ निभाना कीउसके पास कुछ नही तुम्हारे सिवा खोने के लिए.
अगर बेवफा होता तो भीड़ होती,वफादार हूं इसलिए अकेला हूं।
जहां कभी तुम हुआ करते थे !वहां अब दर्द होता है.
कुछ अजीब है ये दुनिया.यहाँ झूठ से नहीं,सच बोलने से रिश्तेटुट जाते है.
आज बहुत रोये हम पुरानी तस्वीर में, खुद को खुश देख कर।
हम अब कैसे करें तेरे प्यार को खुद के काबिलजब हम आदतें बदलतें हैं,तुम अपनी शर्तें बदल देते हो.
अकेलापन तो पहले भीथा जिंदगी में,अब कुछ ज्यादा हीमहसूस होने लगा है !
अकेले ही सहना अकेले ही रहना होता हैअकेलेपन का हर एक आँसू,अकेले ही पीना होता है।
जब आपको किसी के साथ उम्रभर रिश्ता निभाना हो,तो अपने दिल में १ कब्रिस्तान बना लो.जहा आप उसकी गलतियों को दफना सको.
तन्हाई की ये रातें, कुछ खास होती हैं,कोई हमसफ़र न हो, तो और उन्हें याद करना ज़रूरी होता है।
ख्वाहिशों की पोटली सिर लिए चल रहा हूँ.मैं अकेला ही अपनी मंजिल की और चलरहा हूँ
अकेला हूँ या नहीं इसमें मुझे शंका है, तुम ही बता दो ना भ्रम मेरे मन का है।
प्यार और भरोसा कभी मत खोना क्यूंकि,प्यार हर किसी से नहीं होता औरभरोसा हर किसी पर नहीं होता.
मिलो कभी चाय परफिर क़िस्से बुनेंगे,तुम ख़ामोशी से कहनाहम चुपकेसे सुनेंगे.
काश तू समझ सकती मोहब्बत के उसूलों को,किसी की सांसो में समाकर उसे तन्हा नहीं करते !
अक्सर मोहब्बत उन्ही लोगो से होती हैजिन्हें पाना नामुमकिन होता है.
अफ़सोस होता है उस पलजब अपनी पसंद कोई ओर चुरा लेता है.ख्वाब हम देखते है.और हक़ीक़त कोई और बना लेता है.
तन्हा तड़पते हैं दिल में अब ये जानते हुए,कि अकेलापन का दर्द अक्सर दूसरों के दमन में छिपा रहता है।
वक्त बीत गया तो लोग भुला देते है,बेवजह अपनों को भी रुला देते है.जो चिराग रात भर रौशनी देता है,सुबह होते ही लोग उसे भी बुझा देते है.
दिल धोखे में है,और धोखेबाज दिल में.
जो रिश्ते समझे थे हम बेवफा हो गए,जो ख्वाब देखते थे वो बदलते रोपों में फँस गए।
लोग हमारी कदर उस वक़्त नहीं करते जब हम अकेले हो बल्कि ,उस वक़्त करते है जब वो अकेले होते है …
अब मैं अकेले नहीं बैठता कहीं, बहुत डराती हैं तुम्हारी यादें मुझे अकेले में।
मिल सके आसानी से ,उसकी ख्वाहिश किसे है?ज़िद तो उसकी है,जो मुकद्दर में लिखा ही नहीं.
एक फीलिंग छुपी होती हैजब कोई कहता हैमुझे कोई फर्क नही पङता’
छोड़ दिया है किस्मत कीलकीरों पर यकीन करना.जब लोग बदल सकते है तो,किस्मत क्या चीज है.